इसे कई भारतीय दवा कंपनियां खरीदती हैं, इसके अलावा कई कॉस्मेटिक कंपनियां भी हैं, जिनकी एलोवेरा की भारी मांग है। जिसके कारण बाजार में इसकी मांग बढ़ रही है. मांग को समझते हुए किसान भाई एलोवेरा की अधिक खेती कर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर रहे हैं.
इस पोस्ट में आपको Aloe vera ki kheti कब और कैसे करें के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है, इसके अलावा बाजार में एलोवेरा की कीमत क्या है, इसके बारे में भी बताया गया है।
Aloe vera ki kheti के लिए उपयुक्त मिट्टी (Aloe Vera Cultivation Suitable Soil)
Aloe vera ki kheti उगाने के लिए उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है. इसके अलावा इसे पहाड़ी और बलुई दोमट मिट्टी में भी उगाया जा सकता है. उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा ऐसे राज्य हैं जहां एलोवेरा व्यावसायिक रूप से उगाया जाता है। पी.एच. इसकी खेती में भूमि. मान बढ़कर 8.5 हो जाना चाहिए.
Aloe vera ki kheti की उन्नत किस्में (Aloe Vera Improved Varieties)
भारत में Aloe vera ki kheti कई उन्नत किस्में हैं, जिन्हें अधिक उपज और लाभप्रदता के लिए उगाया जाता है। अच्छे एलोवेरा बीज के लिए उच्च गुणवत्ता वाले पौधे ही लगाने चाहिए।
केन्द्रीय औषधीय संघ पादप संस्थान द्वारा ऐसी किस्मों का वर्णन किया गया है, जिनसे अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है। .
एलोवेरा की सबसे अधिक उत्पादक किस्में एल-1,2,5, सिम-सीटल और 49 हैं। इन किस्मों को कई परीक्षणों के बाद विकसित किया गया है, जिनमें एलोवेरा अर्क की अधिकतम मात्रा प्राप्त होती है।
इसके अलावा एलोवेरा की कई उन्नत किस्में हैं, जो व्यावसायिक उपयोग के लिए उपयुक्त मानी जाती हैं। इनमें IC 111273, IC 111280, IC 111269 और IC 111271 शामिल हैं। भारत के कई हिस्सों में व्यापक रूप से खेती की जाती है।
Aloe vera ki kheti की तैयारी (Aloe Vera Field Preparation)
Aloe vera ki kheti की फसल को खेत में लगाने से पहले उसके खेत को अच्छी तरह से तैयार कर लेना चाहिए. एलोवेरा की जड़ें मिट्टी में 20 से 30 सेमी की गहराई पर पाई जाती हैं। इस कारण उनके खेत की गहरी जुताई करनी पड़ती है, जुताई के बाद खेत को कुछ समय के लिए वैसे ही खुला छोड़ दिया जाता है.
इसके बाद खेत में रोटावेटर लगाकर दो से तीन तिरछी जुताई करें। जुताई के बाद एक एकड़ खेत में लगभग 10 से 15 बैरल पुराना गोबर मिट्टी में अच्छी तरह मिला देना चाहिए. इनके पौधों की उचित वृद्धि के लिए पर्याप्त उर्वरक की आवश्यकता होती है. इसके पौधों की कटाई एक साल के अंदर हो जाती है.
नमी बनाए रखने के लिए खेत में नमी छोड़ने के बाद जुताई की जाती है। कुछ दिनों बाद खेत रोपण के लिए तैयार हो जाता है।
Aloe vera ki kheti कब और कैसे करे (Aloe Vera Plants Transplanting Right Time and Method)
Aloe vera ki kheti के बीजों की खेती बीज के रूप में नहीं बल्कि पौध के आधार पर की जाती है। उनके पौधे सरकार द्वारा पंजीकृत नर्सरी से खरीदे जाते हैं। उसके पौधे खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि पौधे बिल्कुल स्वस्थ्य होने चाहिए. खरीदे गए पौधे 4 महीने पुराने होने चाहिए, जिनमें 4 से 5 पत्तियां होनी चाहिए।
उनके पौधों की एक खास बात यह है कि उनके पौधे रोपाई के कई महीनों बाद भी लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा उनके पौधों के अच्छे परिणाम के लिए उचित समय और विधि भी महत्वपूर्ण है। लंबी फसल के लिए इसके पौधों को जमीन से 15 सेमी की दूरी पर लगाना उपयुक्त माना जाता है.
सुनिश्चित करें कि आप एलोवेरा के पौधों को 60 सेमी की दूरी पर रखें। पौधों के बीच दूरी रखने से पत्तियों के तैयार होने पर उनकी कटाई करना आसान हो जाता है। इनके पौधे लगाते समय जड़ों पर मिट्टी को सावधानीपूर्वक दबाया जाता है। एलोवेरा के पौधे लगाने के लिए जुलाई का महीना सबसे उपयुक्त माना जाता है.
ऐसे में यह बारिश का मौसम है, जिसके कारण इसके पौधों को पर्याप्त पानी मिलता है, किन्तु सिंचाई वाली जगहों पर इसकी खेती को कभी भी किया जा सकता है | सर्दियो के मौसम में इसकी रोपाई नहीं करनी चाहिए |
Aloe vera ki kheti के पौधों की सिंचाई का तरीका (Aloe Vera Plants Irrigate)
Aloe vera ki kheti के पौधों को पानी की बहुत अधिक आवश्यकता होती है। इसीलिए उनका पहला पानी खेत में पौधे लगने के तुरंत बाद दिया जाता है। अपने खेतों में नमी बनाए रखने के लिए फसलों की सिंचाई जरूर करनी चाहिए, लेकिन अधिक पानी भी उनके पौधों को नुकसान पहुंचाता है.
इसके पौधे पानी के अभाव में भी पनप सकते हैं. पौधों को पानी देते समय मिट्टी के कटाव पर ध्यानपूर्वक नजर रखें, यदि मिट्टी का कटाव हो रहा हो तो उस स्थान पर मिट्टी छिड़क कर उसे रोकें। बरसात के मौसम में उसके खेतों में पानी न दें. बारिश के लिए उसके खेत से पानी निकालना होगा.
Aloe vera ki kheti के पौधों में लगने वाले रोग एवं उनकी रोकथाम (Aloe vera plant Diseases and their Prevention)
इसके पौधे लगभग रोगमुक्त होते हैं. हालाँकि इसके पौधों की पत्तियों में कभी-कभी सड़न और पपड़ी रोग देखने को मिलता है. इस रोग की रोकथाम के लिए पौधों पर मैंकोजेब, रिडोमिल और डाइथेन एम-45 का मध्यम मात्रा में छिड़काव करें.
एलोवेरा की मंडी भाव, फ़सल की तुड़ाई और पैदावार (Aloe Vera Crop Harvesting, Yield and Market Rate)
Aloe vera ki kheti के पौधे रोपाई के 8 महीने बाद कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं। अगर मिट्टी ज्यादा उपजाऊ नहीं है तो उसके पौधे तैयार होने में 10 से 12 महीने का समय लग जाता है. यदि इसके पौधे की पत्तियाँ स्पष्ट रूप से पूर्ण विकसित हो गई हों तो इसकी कटाई कर लेनी चाहिए।
पहली फसल के बाद उनके पौधे 2 महीने बाद दूसरी फसल के लिए तैयार हो जाते हैं. उनके एक एकड़ के खेत में 11,000 से भी ज्यादा पौधे उगाए जा सकते हैं, जिससे आपको 20 से 25 टन की पैदावार मिल सकती है।
एलोवेरा का बाजार मूल्य 25 से 30 हजार रुपये प्रति टन है, और यह सस्ता होने के कारण किसान भाई इसे खरीद सकते हैं। एलोवेरा की एक फसल से कमाएं 4 से 5 लाख रुपये तक!
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Aloe vera ki kheti FaQ?
क्या मैं Aloe vera ki kheti को जमीन में लगा सकता हूं?
साल भर केवल सबसे गर्म क्षेत्रों (क्षेत्र 9 से 10) में ही बाहर पनपता है।
एलोवेरा को उगाने में कितना समय लगता है?
18-24 महीने
क्या एलोवेरा एक अच्छा बिजनेस है?
एलोवेरा की खेती वास्तव में लाभदायक है और भारत में उच्च रिटर्न प्रदान करती है
1 एकड़ में एलोवेरा कितना होता है?
हर साल तकरीबन 20,000 किलो एलोवेरा का उत्पादन हो सकता है.
एलोवेरा की सबसे बड़ी कंपनी कौन सी है?
फॉरएवर लिविंग प्रोडक्ट्स और उसके अफ्फिलट्स
एलोवेरा के पौधे कहाँ मिलेंगे?
सरकारी उद्यानिकी विभाग
क्या एलोवेरा को मिट्टी चाहिए?
एलोवेरा के पौधे ढीली, पथरीली मिट्टी पसंद करते हैं जिसमें अच्छी जल निकासी हो
क्या आप एलोवेरा बेचकर पैसा कमा सकते हैं?
किसान आसानी से 8-10 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकता है।
Aloe vera ki kheti | एलोवेरा की खेती कब और कैसे करें | Aloe Vera Farming in Hindi | एलोवेरा की कीमत किसान भाइयो अगर आप JagoKisan.com द्वारा दी गई जानकारी से संतुष्ट है तो plz like करे और शेयर करे ताकि किसी दूसरे किसान भाई की भी मदद हो सके|