अगर आप भी Kiwi ki kheti की योजना बना रहे हैं तो इस लेख में आपको भारत में कीवी फल की खेती के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है और कीवी की उन्नत किस्में क्या हैं.|
Kiwi ki kheti कैसे करे (Kiwi Fruit Farming in India in Hindi)
यहां किसान भाइयों को कीवी की खेती के लिए मिट्टी, जलवायु और तापमान के बारे में पूरी जानकारी दी गई है, ताकि किसान भाई अच्छी खेती करके लाभान्वित हो सकें, जो इस प्रकार बताया गया है:-
कीवी की खेती के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। कीवीफल को हल्की, अम्लीय, गहरी मिट्टी में उगाकर अधिक पैदावार प्राप्त की जा सकती है और मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भी अधिक होनी चाहिए।
इसकी खेती में भूमि का P. H. मान 5 से 6 के मध्य होना चाहिए |
Kiwi ki kheti की फसल को गर्म, हल्की उष्णकटिबंधीय जलवायु की आवश्यकता होती है। नियमित वर्षा पौधों के लिए उपयुक्त है, और उच्च तापमान फसलों के लिए उपयुक्त नहीं है। कीवी के पौधे 15 डिग्री तापमान पर सबसे अच्छे से अंकुरित होते हैं,
पौधों पर बीज के विकास के लिए 5 से 7 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। इसके पौधे अधिकतम तापमान 30 डिग्री तक ही सहन कर सकते हैं.
Kiwi ki kheti की उन्नत किस्में (Kiwi Improved Varieties)
एबाट
कीवीफ्रूट की ये किस्में कम समय में फल देने लगती हैं। जिसमें बनने वाले फल अधिक मीठे और स्वादिष्ट होते हैं। इसके फल गुच्छों में लगते हैं. इन किस्मों को ठंडी जलवायु में भी उगाया जाता है। इस किस्म के एक पौधे से 60 से 80 किलोग्राम तक उत्पाद प्राप्त होते हैं.
ब्रूनो
इस किस्म के पौधे औसत से अधिक ऊंचाई के पाए जाते हैं. इसके पौधों पर लगने वाले फलों में विटामिन सी सबसे अधिक मात्रा में पाया जाता है। ये किस्में रोपण के तुरंत बाद फल देना शुरू कर देती हैं। जिनकी प्रति पौधा उपज 90 से 100 किलोग्राम तक होती है.
एलिसन
कीवी की इन किस्मों में पौधों की ऊंचाई सामान्य होती है, इन्हें पकने में 160 से 170 दिन का समय लगता है। परिणाम छोटे हैं. इसके एक पेड़ से 80 से 100 किलोग्राम तक उत्पाद प्राप्त होता है।
मोन्टी
कीवीफल की ये किस्में 180 से 190 दिनों के ऊष्मायन के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती हैं। इसका पौधा लगभग 8 मीटर की ऊंचाई तक पहुंचता है। उनके एक पौधे से 80 से 90 किलो तक वजन वाले फल लगते हैं।
Kiwi ki kheti की तैयारी (Kiwi Field Preparation)
कीवी की बुआई करने से पहले खेत की पुरानी फसल के अवशेषों को नष्ट कर दें और हटा दें। इसके बाद मिट्टी पलटने वाले हलो से खेत की गहरी जुताई कर दे |जुताई के बाद खेत में सिंचाई करें. सिंचाई की एक अवधि के बाद खेत की दो से तीन बार तिरछी जुताई की जाती है।
इसके बाद खेत में पाटा लगाकर भूमि को समतल कर दिया जाता है |
कीवी के पोधों की रोपाई के लिए समतल भूमि में एक मीटर चौड़े और दो फीट गहरे गड्डे तैयार कर लिए जाते है | यह सभी गड्डे पंक्तियों में तैयार किये जाते है|
इन सभी गड्ढों की मरम्मत सिलसिलेवार की जाती है। उसके अंदर प्रत्येक कतार के बीच 4 मीटर और प्रत्येक गड्ढे के बीच 5 से 7 मीटर की दूरी रखी जाती है. तैयार गड्ढों को जैविक खाद से मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर भर दिया जाता है।
इसके बाद खाइयों में पानी भर दिया जाता है और उन्हें पुलाव से ढक देना चाहिए। इन सभी गड्डो को रोपण से दो से तीन माह पहले तैयार करें।
Kiwi ki kheti में उवर्रक की मात्रा (Kiwi Field Fertilizer Amount)
कीवी के पौधों को खेत में तैयार गड्डो में रोपा जाता है. इन खाइयों में पर्याप्त मात्रा में खाद एवं उर्वरक उपलब्ध कराना जरूरी है। इससे पौधा अच्छे से विकास करता है. खाद की मात्रा के लिए 20 किलोग्राम पुरानी गोबर की खाद 50 जीएम एन.पी.के. के साथ।
इसे पर्याप्त मात्रा में मिट्टी में अच्छी तरह मिला दें और गड्डो को भर दें। इसके बाद पौधे को इन खाइयों में रोप दिया जाता है. एक बार जब पौधे नए लगाए जाते हैं, तो पहले दो वर्षों के लिए समान उर्वरक दर लागू की जानी चाहिए, जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, उर्वरक दर बढ़ती जाती है। खेत में खाद डालने के तुरंत बाद पौधों को पानी दें.
Kiwi ki kheti के पौध की रोपाई का समय और तरीका (Kiwi Plants Transplanting Right time and Method)
Kiwi ki kheti के पौधों को पौध के रूप में उगाया जाता है। इसके लिए नर्सरी में उगाए गए बीजों से पौधे तैयार किए जाते हैं। इसके बाद पौधों को खेत में तैयार किये गये गड्ढों में रोप दिया जाता है. रोपण से पहले पौधों को बाविस्टिन की सही मात्रा से उपचारित किया जाता है और रोपण के बाद उन्हें चारों तरफ से मिट्टी से ढक दिया जाता है।
इसके पौधे सर्दियों के दौरान अन्यत्र उगाए जाते हैं, क्योंकि यह वह समय होता है जब दिसंबर और जनवरी के महीने सबसे अच्छे माने जाते हैं। सर्दियों में कीवी के पौधों को पाले से बचाने की जरूरत होती है, क्योंकि इससे वे पुलाव से ढक जाते हैं।
Kiwi ki kheti के पौधों की सिंचाई (Kiwi Plants Irrigation)
कीवी की खेती में पानी पर विशेष ध्यान देना चाहिए। पहला पानी रोपण के तुरंत बाद किया जाता है। गर्मियों में पौधों को हर तीन से चार दिन के अंतराल पर पानी देना जरूरी होता है और सर्दियों में पौधों को 8 से 10 दिन के अंतराल पर पानी दिया जाता है.
बरसात के मौसम में जरूरत पड़ने पर पानी उपलब्ध कराना चाहिए। इनके पौधों को साल में 18 से 20 सिंचाई की जरूरत होती है.
Kiwi ki kheti की फसल में खरपतवार नियंत्रण (Kiwi Crop Weed Control)
कीवी की फसल में खरपतवार नियंत्रण पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। खरपतवार नियंत्रण खरपतवारों को चुनने और हटाने की प्राकृतिक विधि का उपयोग करके किया जाता है। इसकी फसल में सबसे पहले खरपतवारों की कटाई 20 से 25 दिनों के ऊष्मायन के बाद की जाती है।
इसके बाद, पौधों के कचरे की मासिक कटाई की जाती है। इससे पौधा अच्छे से विकास करता है. बरसात के मौसम के बाद, खाली ज़मीन की जुताई की जाती है, और खेत में मौजूद खरपतवार नष्ट हो जाते हैं।
Kiwi ki kheti की फसल में लगने वाले रोग एवं उपचार (Kiwi Crop Diseases and Treatment)
आज तक, कीवी फसलों में कोई महत्वपूर्ण बीमारी सामने नहीं आई है। हालाँकि, जल संचयन के कारण रूट कैनाल रोग का निदान किया जा सकता है। इसके लिए खेत में सिंचाई करने से बचें और पौधों की जड़ों में बाविस्टिन का छिड़काव करें।
कीवी के फलो की तुड़ाई (Kiwi Fruit Harvesting)
Kiwi ki kheti की फसल को तैयार होने में 4 वर्ष से अधिक का समय लगता है। 8 से 9 महीने के बाद जब इसके पौधों पर फूल खिलने लगते हैं तो फल पककर तैयार हो जाते हैं. उस समय फल की तुड़ाई की जाती है. कीवी फल पकने के बाद बहुत मुलायम और सुनहरे रंग का दिखता है।
फलों की तुड़ाई के बाद उन्हें छायादार जगह पर संग्रहित किया जाता है और बिक्री के लिए बाजार में ले जाया जाता है। इसके फलों को तीन से चार सप्ताह से अधिक समय तक खाया जा सकता है।
Kiwi ki kheti के पौधों से पैदावार और लाभ (Kiwi Plants Yields and Benefits)
एक हेक्टेयर कीवीफ्रूट फार्म में 400 से अधिक पौधे उगाये जा सकते हैं। इसका एक पौधा 90 से 100 किलोग्राम तक फल पैदा कर सकता है। इसके अनुसार एक हेक्टेयर खेत में उगाए गए पौधों से 40,000 से 50,000 किलोग्राम बीज प्राप्त होते हैं।
कीवीफ्रूट का बाजार मूल्य 100 से 250 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है और इस वजह से किसान भाई एक ही फसल से साल में 20 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
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Kiwi ki kheti FaQs?
क्या कीवी फल भारत में उगाया जा सकता है?
पिछले कुछ वर्षों में भारत में भी कीवी फल का बाजार तेजी से बढ़ा है, लेकिन क्या आपको पता है कि यहां भी कीवी की खेती हो रही है।
Kiwi ki kheti कहाँ उगाया जाता है?
J&K, नॉर्थ ईस्ट, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों में इसकी खेती की जाती है।
कीवी फल उगाने में कितना समय लगता है?
3 से 5 साल
कीवी इतना महंगा क्यों होता है?
कीवी फल का प्रचलन कम होने से मांग कम है जिसके कारण अधिकतर किसान कीवी की खेती नही करते हैं जिससे उत्पादन कम होने से कीवी फल का मूल्य अधिक होता है।
कीवी के पौधे का जीवनकाल कितना होता है?
50 से अधिक वर्षों तक
कीवी फल किस महीने में उगता है?
दिसंबर-फरवरी
कीवी के लिए सबसे अच्छा उर्वरक कौन सा है?
10-10-10 सर्व-उद्देश्यीय उर्वरक
कीवी कब उगाया जाता है?
अक्टूबर से दिसंबर तक
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