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Kahu ki kheti | काहू की खेती कैसे होती है | Kahu Farming in Hindi PDF | काहू का रेट | Kahu Cultivation | kahu seeds

Kahu ki kheti की अच्छी आमदनी को देखते हुए काहू की फसल में किसानों की दिलचस्पी देखी जा रही है. अगर आप भी काहू उगाने की योजना बना रहे हैं तो इस लेख में आपको काहू की खेती (Kahu खेती इन हिंदी पीडीएफ) के बारे में जानकारी दी जा रही है और बताया जा रहा है कि काहू की मात्रा क्या है।

Kahu ki kheti के लिए आवश्यक मिट्टी (Kahu Cultivation Soil Required)

Kahu ki kheti के लिए किसी विशेष मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है, किन्तु खेत उचित जल निकासी वाला होना चाहिए| इसकी खेती में भूमि का P.H. मान सामान्य होना चाहिए| .

अधिक गर्मी में इसके पौधे नष्ट हो जाते हैं. हल्की वर्षा पौधों के लिए उपयुक्त होती है। फसल की अच्छी पैदावार के लिए उचित तापमान आवश्यक है। काहू के पौधे अधिकतम 25 डिग्री और न्यूनतम 12 डिग्री तापमान में पनपते हैं।

Kahu ki kheti के भूमि की तैयारी और उवर्रक (Kahu’s Land Preparation and Fertilization)

Kahu ki kheti

Kahu ki kheti में सबसे पहले सफाई और गहरी जुताई होती है. इसके बाद पुरानी फसल के अवशेषों को खेत से हटा दिया जाता है. इसके बाद कुछ दिनों तक खेत को ऐसे ही छोड़ दें,

फिर प्रति हेक्टेयर 12 से 15 गाड़ी पुरानी गोबर की खाद डालकर खेत की जुताई करें. इससे खाद और मिट्टी अच्छे से मिल जाती है. एक बार जब खाद मिट्टी में मिल जाए तो उसे पानी दें। जलजमाव वाले खेत को सूखने के लिए छोड़ दें। यदि खेत सूखा है

खेत सूख जाने पर रोटावेटर लगाकर खेत की जुताई कर मिट्टी भुरभुरी कर दे| इसके बाद पाटा लगाकर भूमि को समतल कर दे|

Kahu ki kheti के बीज बुवाई का समय और तरीका (Kahu Seeds Planting. Method)

काहू के बीजों को बीज और अंकुर दोनों रूपों में उगाया जा सकता है। एक एकड़ खेत में बीज बोने में 250 GM की आवश्यकता होती है। इसके अलावा प्रति एकड़ खेत में लगभग 32000 पौधे उगाये जा सकते हैं.

इसके बीजों को खेत में तैयार कूँड़ों में लगाया जाता है. ये टीले पंक्तियों में तैयार किए जाते हैं, पंक्तियों के बीच दो फीट का अंतराल होता है। इन ढलानों पर एक फुट के अंतराल पर पौधे लगाए जाते हैं।

उसके पौधे अक्टूबर के अंत तक लगा दिये जाने चाहिए. इसके बाद फरवरी के अंत में इसका उत्पादन शुरू हो जाता है। जब काहू के पौधे कटाई के लिए तैयार हो रहे होते हैं, उस दौरान बारिश होने पर फसल बर्बाद होने का खतरा रहता है।

इसीलिए अंतिम भंडारण अवधि के दौरान जितनी जल्दी हो सके कटाई करने का प्रयास करें।

Kahu ki kheti के पौधों की सिंचाई (Kahu Plants Irrigation)

काहू के पौधों को अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती. चूँकि इसके पौधे ठंडी जलवायु में उगाए जाते हैं इसलिए फसलों की पहली सिंचाई बुआई के 5 से 7 दिन बाद की जाती है। इसके पौधों के लिए सिर्फ 3 से 4 बूंद पानी ही काफी है. काहू फसल की अगली सिंचाई पहली सिंचाई के 15 से 20 दिन के अंदर करनी चाहिए।

काहू का रेट, पैदावार और लाभ (Kahu Price Crop Yield and Benefits)

काहू की फसल 110 से 120 दिन पश्चात तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है| इसके अलावा यदि आप बीजो की पैदावार प्राप्त करना चाहते है, तो फसल की तुड़ाई बीज आने पर ही करे| इसके पौधों की तुड़ाई कर उन्हें धूप में अच्छी तरह सुखाया जाता है. सूखे पौधे से बीज निकालें और इकट्ठा करें।

इस बीज का उपयोग वर्षों तक किया जा सकता है। वे प्रति एकड़ खेत में 60 से 70 हजार रुपये प्रति क्विंटल की लागत से लगभग ढाई से तीन क्विंटल उत्पादन करते हैं। इस तरह किसान भाई काहू की एक बार की फसल से भी ज्यादा कमाई कर लेते हैं.

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Kahu ki kheti FaQs?

काहू क्या होता है?

गोभी की तरह का एक पौधा, जिसके बीज दवा के काम आते हैं।

काहू की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी क्या है ?

काहू को उगाने के लिए किसी विशेष मिट्टी की आवश्यकता नहीं होती है, किन्तु खेत उचित जल निकासी वाला होना चाहिए| इसकी खेती में भूमि का P.H. मान सामान्य होना चाहिए| 

काहू के भूमि की तैयारी और उवर्रक क्या है ?

काहू की खेती में सबसे पहले सफाई और गहरी जुताई होती है. इसके बाद पुरानी फसल के अवशेषों को खेत से हटा दिया जाता है. इसके बाद कुछ दिनों तक खेत को ऐसे ही छोड़ दें,

काहू क्या होता है?

गोभी की तरह का एक पौधा, जिसके बीज दवा के काम आते हैं।

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