Chandan ki kheti | चन्दन की खेती कैसे होती है | Sandalwood Farming in Hindi | चंदन की उन्नत किस्में

चंदन के पौधों के औषधीय गुणों के कारण इसकी मांग पूरी दुनिया में बहुत अधिक है। भारत में Chandan ki kheti का कुल उत्पादन लगभग 100 टन है, लेकिन खपत 7,000 से 8,000 टन प्रति वर्ष है, और इसलिए बहुत महंगा है।

अगर आप भी चंदन की खेती कर लाखों कमाना चाहते हैं तो इस लेख में आपको चंदन की खेती कैसे करें (Sandalwood खेती इन हिंदी) और चंदन की उन्नत किस्में क्या हैं, इसकी जानकारी दी जा रही है।

Table of Contents

चन्दन की खेती के लिए उपयुक्तमिट्टी, जलवायु और तापमान (Sandalwood Cultivation Suitable Soil, Climate and Temperature)

Chandan ki kheti के उत्पादन के लिए लाल बलुई मिट्टी आवश्यक है। इसकी खेती के लिए अच्छी जल निकास वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है और मिट्टी का पी.एच. मान 7 और 8.5 के बीच होना चाहिए. जब चंदन को जलोढ़ और आर्द्रभूमि में उगाया जाता है, तो यह कम तेल पैदा करता है।

Chandan ki kheti के पौधे शुष्क मौसम वाले होते हैं, इसलिए इसके पौधों को अधिक ठंडे मौसम की आवश्यकता नहीं होती है।

क्योंकि सर्दियों की ठंड उनके पौधों के लिए उपयुक्त नहीं होती है. इसके पौधों को 500 से 625 मिमी के बीच वर्षा की आवश्यकता होती है। चंदन के पौधों को अधिकतम 35 डिग्री और न्यूनतम 15 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है। इसके पौधे बहुत अधिक धूप को आसानी से सहन कर सकते हैं।

चंदन की उन्नत किस्में (Sandalwood Improved Varieties)

Chandan ki kheti

लाल चन्दन

इस Chandan ki kheti को रक्त चंदन के नाम से भी जाना जाता है। लाल चंदन के पौधों से सफेद चंदन जैसी गंध आती है। चंदन की ये प्रजातियाँ मुख्य रूप से आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में पाई जाती हैं, जिनका उपयोग इत्र, औषधियाँ, अगरबत्ती और महंगी सजावटी वस्तुओं में किया जाता है। इसके पूर्ण विकसित पौधे सफेद चंदन के पौधों की तरह ऊंचाई में छोटे होते हैं।

सफ़ेद चन्दन

इस प्रकार का चंदन सफेद रंग का होता है, जिसे मुख्य रूप से व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उगाया जाता है। सफेद चंदन बहुत सुगंधित होता है, इसलिए सफेद चंदन की कीमत लाल चंदन से ज्यादा होती है।

इसका उपयोग इत्र, दवाइयों, साबुन, परफ्यूम और चंदन के तेल जैसे महंगे उत्पादों में किया जाता है। इसके पूर्ण विकसित पौधे 15 मीटर से अधिक की ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं।

चंदन के खेत की तैयारी और उवर्रक (Sandalwood Field Preparation and Fertilizer)

चंदन का पेड़ बनाने से पहले Chandan ki kheti को अच्छी तरह से तैयार किया जाता है. इस प्रयोजन के लिए, सबसे पहले, खेत की गहरी जुताई की जाती है, और इसलिए खेत में पुरानी फसलों के अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाते हैं। जुताई के बाद खेत को कुछ समय के लिए छोड़ दिया जाता है. .

इसके बाद खेत को सूखाकर पलेवा कर लें. जुताई के बाद खेत को दो से तीन तिरछे हलों से जोतने के लिए रोटावेटर का प्रयोग किया जाता है. इसके बाद खेत में नए पौधे लगाने के लिए गड्डो तैयार की जाती हैं. ये गड्डे 10 फीट की दूरी पर 2 फीट गहरी और 3 से 4 फीट चौड़ी होनी चाहिए।

इसके बाद इन गड्ढों को मिट्टी के साथ गोबर की खाद मिलाकर भर दिया जाता है। आप चाहें तो गाय के गोबर की जगह जैविक खाद का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उसके पौधों को खाद की जरूरत नहीं होती. चंदन का पेड़ अपने पोषक तत्वों के लिए अन्य पौधों पर निर्भर रहता है, इसलिए इसके पौधों को विशेष उर्वरकों की आवश्यकता नहीं होती है।

Chandan ki kheti के पौधे सिरिस, नागफनी, हरड़ और नीम के पौधों से अपना भोजन, पानी और खनिज तत्व लेते हैं। इसलिए इसकी खेती में आपको ऐसे पौधे जरूर लगेंगे. खाद के रूप में 5 से 10 किलोग्राम गोबर को मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर गड्ढों में भर दिया जाता है। इस खाद को चंदन के पौधों में साल में दो बार डालना चाहिए।

चंदन के पौधों की रोपाई का सही समय (Sandalwood Plants Planting Right Time)

चंदन का पौधा बीज और अंकुर दोनों रूपों में उगाया जाता है। चंदन के पौधों की रोपाई के लिए अंकुरों का उपयोग करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि बीज से रोपाई के बाद बीज के अंकुरण में दो से तीन महीने से अधिक समय लग सकता है।

आप इसके पौधे किसी भी आधिकारिक रूप से पंजीकृत नर्सरी से खरीद सकते हैं, लेकिन पौधे खरीदते समय आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पौधे बिल्कुल स्वस्थ होने चाहिए।

Chandan ki kheti

Chandan ki kheti के पौधे लगाने का आदर्श समय वर्षा ऋतु है, क्योंकि इस दौरान इसके पौधे अच्छे से विकास करते हैं। आप चाहें तो बरसात के मौसम से पहले भी पौधे लगा सकते हैं.

चंदन के पौधों की सिंचाई (Sandalwood Plants Irrigation)

Chandan ki kheti के पौधों को भरपूर पानी की आवश्यकता होती है। इसीलिए उनके खेतों में बरसात के मौसम में खेती होती है। बरसात के मौसम में इसके पौधों को जरूरत पड़ने पर ही पानी दिया जाता है. सर्दियों के दौरान पौधे में नमी बनाए रखने के लिए हर तीन-तीन दिन में पौधे को पानी देते रहें। इसके अलावा सर्दियों के दौरान सप्ताह में एक बार पौधों को पानी दें।

सहायक फसलें (Subsidiary Crops)

Chandan ki kheti के पौधों को अपनी तैयार करने में 12 से 15 साल लग जाते हैं। ऐसे में चंदन के पौधों के बीच दलहन या बागवानी फसलें उगाकर अतिरिक्त आय अर्जित की जा सकती है। इस कारण किसान भाई को आर्थिक परिस्थितियों से नहीं गुजरना पड़ेगा।

चंदन के पौधों पर खरपतवार नियंत्रण (Sandalwood Plants Weed Control)

Chandan ki kheti के पौधों को वास्तव में प्रारंभिक खरपतवार नियंत्रण की आवश्यकता होती है, इसलिए यदि खेत में पौधों के पास खरपतवार पाए जाते हैं तो शुरुआत में उन्हें हटा दें। इसके अलावा चंदन के पौधों को जंगली पौधों से बचाना चाहिए। इसलिए खेत में जंगली पौधे न उगने दें.

चंदन के पौधों में लगने वाले रोग एवं उनकी रोकथाम (Sandalwood Plants Diseases and Prevention)

Chandan ki kheti के पौधों पर रोग कम ही पाए जाते हैं, लेकिन कुछ रोग ऐसे होते हैं जो चंदन के पौधों को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में संक्रामक वनस्पति रोग और सैंडल स्पाइक अधिक रहस्यमय और खतरनाक है।

इस बीमारी की रोकथाम के लिए आज तक कोई प्रभावी उपचार स्थापित नहीं किया जा सका है। प्रभावित पौधों की पत्तियाँ मुड़ने लगती हैं और छोटी हो जाती हैं, जिससे पौधे विकृत हो जाते हैं। इस रोग से बचाव के लिए चंदन के पौधों के पास नीम के पौधे उगाए जाते हैं। इससे पौधों को पोषण भी मिलता है और बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है.

चंदन के पौधों की कटाई, पैदावार और लाभ (Sandalwood Plants Harvesting, Yield and Benefits)

Chandan ki kheti के पेड़ को लगाने से लेकर खुद को ठीक होने में लगभग 12 से 15 साल का समय लग जाता है। उसके पौधे जितने पुराने होंगे, उतना अच्छा होगा। इसके पेड़ की कटाई न करके उसे जड़ से उखाड़ लिया जाता है | । इसके बाद गुणवत्ता के आधार पर इसकी कटाई की जाती है.

चंदन की लकड़ी काटने से पहले सरकार से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा अगर आपका पौधा चोरी हो जाता है तो आप इसकी शिकायत पुलिस से भी कर सकते हैं. चंदन के पौधों को तैयार करने में समय लगता है, लेकिन राजस्व के मामले में ये सबसे अच्छे हैं।

Chandan ki kheti की एक किस्म से 20 से 30 किलोग्राम वजन की लकड़ी प्राप्त होती है और एक एकड़ खेत में 400 पौधे तैयार किए जा सकते हैं। चंदन की लकड़ी की बाजार कीमत 6 से 12 हजार रुपये प्रति किलोग्राम के बीच है. जिसके चलते भाई किसान 20 किलो के पेड़ से 12 से 15 साल में 1 से 2 करोड़ आसानी से कमा सकते हैं और भाई किसान प्रति एकड़ क्षेत्र में 400 पेड़ तैयार करके 5 से 8 करोड़ की कमाई करके करोड़पति बन सकते हैं.

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Chandan ki kheti FaQ?

चंदन का पौधा कितने दिन में तैयार होता है?

 12 से 15 साल बाद 

चंदन का पौधा कहाँ से खरीदें?

चंदन का पौधा आपको आपके आसपास की किसी भी बड़ी नर्सरी में आसानी से मिल जाएगा

क्या भारत में चंदन उगाना कानूनी है?

चंदन का पेड़ उगाने पर कोई प्रतिबंध नहीं है पर काटने के लिए परमिशन लगती है अन्यथा दंडनीय अपराध है।

कौन सा चंदन ज्यादा महंगा है लाल या सफेद?

सफेद चंदन

मैं चंदन वृक्षारोपण के लिए लाइसेंस कैसे प्राप्त करूं?

लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए एक आवेदन पत्र और सहायक दस्तावेज उपयुक्त प्राधिकारियों को प्रस्तुत किए जाने चाहिए। जिस संपत्ति पर चंदन के पेड़ लगाए गए हैं, उसका कानूनी स्वामित्व साबित होना चाहिए, और कोई भी आवश्यक अनुमति या प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया जाना चाहिए।

क्या हम भारत में लाल चंदन उगा सकते हैं?

भारत में लाल चंदन सिर्फ दक्षिणी इलाकों में घने जंगलों में पाया जाता है.

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