Rashtriya jaivik kheti pariyojana : एक परियोजना जो भारत सरकार द्वारा शुरू की गई है और राष्ट्रीय स्तर पर जैविक खेती को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है। यह परियोजना किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है ताकि वे जैविक खेती में अधिक रुचि रख सकें और उनकी आय बढ़ा सकें।
कृत्रिम उर्वरकों और कीटनाशकों का बढ़ रहा और अंधाधुंध प्रयोग तथा मृदा के ह्रास की स्थिति और उत्पादकता दुनिया भर के लोगों के लिए चिंता का विषय है. सुरक्षित और स्वस्थ भोजन के लिए बढ़ती जागरूकता ने जैविक खेती के महत्व को रेखांकित किया है, जो बाहरी निविष्टियों के उपयोग को न्यूनतम करने और कृत्रिम उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग को टालने के बुनियादी सिद्धांत पर आधारित एक समग्र प्रणाली है.
इन चुनौती को देखते हुए, देश में गुणवत्तायुक्त ऑर्गेनिक/ बायोलोजिकल निविष्टियों के उत्पादन के लिए बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की जरूरत है. तदनुसार, जैविक खेती पर राष्ट्रीय परियोजना के तहत ऑर्गेनिक/ बायोलोजिकल निविष्टियों के लिए वाणिज्यिक उत्पादन इकाइयों हेतु पूंजी निवेश सब्सिडी योजना शुरू की गई है. यह योजना नाबार्ड या राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से कृषि एवं सहकारिता विभाग द्वारा राष्ट्रीय जैविक खेती केन्द्र (एनसीओएफ़) के माध्यम से कार्यान्वित की जा रही है.
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Rashtriya jaivik kheti pariyojana परियोजना का उद्देश्य:
- जैविक खेती( jaivik kheti) को बढ़ावा देना और जैविक उत्पादों की उत्पादन बढ़ाना।
- किसानों को जैविक खेती के लिए उचित तकनीकी ज्ञान प्रदान करना।
- जैविक खेती के लिए उचित बीज, खाद, कीटनाशक, और उपकरणों की आपूर्ति सुनिश्चित करना।
- किसानों को जैविक उत्पादों की बाजार पहुंच में मदद करना।
- जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और फल एवं सब्जी बाजार अपशिष्ट खाद जैसे ऑर्गेनिक निविष्टियों को उपलब्ध कराके देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना और इस तरह के उत्पाद के लिए बेहतर प्रतिफल सृजित करना.
- मृदा स्वास्थ्य और पर्यावरण सुरक्षा को बनाए रखते हुए कृषि उत्पादकता बढ़ाना.
- देश में जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और कम्पोस्ट की उपलब्धता बढ़ाकर और गुणवत्ता में सुधार के द्वारा रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों पर कुल निर्भरता कम करना
- जैविक कचरे को पौधा पोषक तत्व संसाधनों में परिवर्तित करना
- जैविक कचरे के उचित रूपांतरण और उपयोग से प्रदूषण और पर्यावरण के क्षरण को रोकना
National Organic Farming Project प्रोत्साहन योजना का मूल्यांकन और लाभ:
- वित्तीय सहायता: जैविक खेती ( jaivik kheti)प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत, किसानों को वित्तीय सहायता प्राप्त करने का अवसर मिलता है। इसके जरिए, उन्हें कृषि उपकरणों, बीज, खाद, और कीटनाशक आदि की आपूर्ति के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह उनके खेती के लिए आपूर्ति को सुनिश्चित करने में मदद करता है और उन्हें समय पर उचित सामग्री प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है।
- तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षण: जैविक खेती( jaivik kheti) प्रोत्साहन योजना के तहत, किसानों को जैविक खेती के लिए उचित तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। यहां किसानों को जैविक खेती की विभिन्न पहलुओं, जैविक उत्पादों की उत्पादन प्रक्रिया, बागवानी के नए और प्रभावी तरीकों के बारे में जानकारी दी जाती है। इससे किसानों की कौशल और तकनीकी दक्षता में सुधार होता है और वे अधिक समय और श्रम से बचाते हैं।
- उत्पादों की मार्केटिंग और विपणन समर्थन: जैविक खेती( jaivik kheti) प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत, किसानों को उत्पादों की मार्केटिंग और विपणन के लिए समर्थन प्रदान किया जाता है। यहां किसानों को उत्पादों की बेहतर मूल्य निर्धारण, उत्पादों के लिए बाजार और खरीदारों की जानकारी, नए विपणन के माध्यमों के बारे में जानकारी और ब्रांडिंग की सलाह दी जाती है। इससे किसानों को उनके उत्पादों का अच्छा विक्रय सुनिश्चित होता है और उनकी आय में वृद्धि होती है।
योजना का नाम | National Organic Farming Project |
आरंभ की गई | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा |
लाभार्थी | देश के किसान |
उद्देश्य | जैव उर्वरकों, जैव कीटनाशकों और फल एवं सब्जी बाजार अपशिष्ट खाद जैसे ऑर्गेनिक निविष्टियों को उपलब्ध कराके देश में जैविक खेती को बढ़ावा देना और इस तरह के उत्पाद के लिए बेहतर प्रतिफल सृजित करना. |
साल | यह योजना वर्ष 2004-05 से 2023 |
ऑफिसियल वेबसाइट | तुरंत क्लीक करे |
सारांश:
राष्ट्रीय जैविक खेती( jaivik kheti) परियोजना की प्रोत्साहन योजना एक संपूर्ण योजना है जो किसानों को जैविक खेती के क्षेत्र में सहायता प्रदान करती है। इसके माध्यम से, किसानों को वित्तीय सहायता, तकनीकी ज्ञान और प्रशिक्षण, और उत्पादों की मार्केटिंग और विपणन का समर्थन मिलता है। इससे किसानों की आय और जीविकोपार्जन की सुविधा में सुधार होता है, इस परियोजना के लाभों से किसानों की आय बढ़ती है और पर्यावरण संरक्षण को भी सुनिश्चित किया जाता है।
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प्रश्न: जैविक खेती( jaivik kheti) क्या है?
उत्तर: जैविक खेती एक कृषि प्रथा है जिसमें कीटनाशक, हर्बिसाइड्स और कीटाणुनाशकों के उपयोग की जगह पर्यावरण के साथ मिलने वाले प्राकृतिक तत्वों और प्रयोगों का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न: जैविक खेती ( jaivik kheti)के फायदे क्या हैं?
उत्तर: जैविक खेती के कई फायदे हैं, जैसे कि प्रदूषण का कम होना, माटी की गुणवत्ता की सुरक्षा, उत्पादों की गुणवत्ता और पोषण में सुधार, जलस्रोतों की संरक्षण, उच्च मूल्य उत्पादों का उत्पादन, और बेहतर प्राकृतिक संतुलन।
प्रश्न: क्या जैविक खेती( jaivik kheti) में उपयोग होने वाले कीटनाशक सुरक्षित हैं?
उत्तर: जैविक खेती में उपयोग होने वाले कीटनाशक प्राकृतिक तत्वों पर आधारित होते हैं और सामग्री का उपयोग बहुत सतर्कता के साथ किया जाता है। इन कीटनाशकों के उपयोग से पर्यावरण को कोई हानि नहीं पहुंचती है और उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
प्रश्न: क्या जैविक खेती( jaivik kheti) साधारण खेती की तुलना में अधिक मेहनती है?
उत्तर: जैविक खेती शुरूआत में कुछ अधिक मेहनत और सतर्कता की आवश्यकता पूर्ण कर सकती है, लेकिन जब आपको एक बार सही तकनीक सीख ली जाती है, तो यह साधारण खेती की तुलना में अधिक मेहनती नहीं होती है। स्थायित्व, प्रदर्शन और उत्पादकता के मामले में भी जैविक खेती बहुत प्रभावी हो सकती है।
प्रश्न: जैविक खेती ( jaivik kheti)के लिए सरकारी समर्थन कैसे प्राप्त करें?
उत्तर: सरकार कई जैविक खेती प्रोग्राम और योजनाएं चलाती है जो किसानों को सहायता प्रदान करती हैं। आपको स्थानीय कृषि विभाग या सरकारी निगमों के संपर्क में रहकर इस बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। आप उनकी योजनाओं और सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली ट्रेनिंग और सहायता का लाभ उठा सकते हैं।