Paramparagat Krishi Vikas Yojana:- देश में किसानों के बीच जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा पारंपरिक कृषि विकास योजना शुरू की गई है। इस योजना के माध्यम से किसानों को जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। स्वस्थ मृदा कार्यक्रम के अंतर्गत सांस्कृतिक कृषि विकास कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।
इस प्रणाली के माध्यम से जैविक खेती में मिट्टी की उर्वरता को और बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए न्यूनतम स्तर के कीटनाशकों/कृषि रसायनों का उपयोग किया जाएगा जो उन्हें स्वास्थ्य के लिए बेहतर बनाएगा। परम्परागत कृषि विकास योजना के माध्यम से राज्य में रहने वाले सभी किसान भाइयों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
अगर आप भी इस योजना का लाभ देना चाहते हैं तो आपको यह आर्टिकल विस्तार पूर्वक अंत तक पढ़ना करना होगा। क्योंकि आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से संपूर्ण जानकारी जैसे परंपरागत कृषि विकास योजना क्या है? इस योजना के लाभ एवं विशेषताएं, उद्देश्य, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज एवं ऑनलाइन प्रक्रिया से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लिए पात्रता
- किसान आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- पारंपरिक कृषि विकास योजना के तहत आवेदन करने के लिए किसान नागरिकता की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- केवल कृषक समुदाय के नागरिक ही इस योजना के तहत आवेदन करने के पात्र होंगे।
- आवेदक किसान के पास कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- आय प्रमाण पत्र
- पहचान पत्र
- राशन कार्ड
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी
- बैंक पासबुक
- पासपोर्ट साइज फोटो
परंपरागत कृषि विकास योजना 2024 के बारे में जानकारी
योजना का नाम | Paramparagat Krishi Vikas Yojana |
शुरू की गई | केंद्र सरकार द्वारा |
संबंधित मंत्रालय | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार |
लाभार्थी | देश के किसान |
उद्देश्य | किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने हेतु आर्थिक सहायता प्रदान करना |
आर्थिक सहायता | 50,000 रुपए |
श्रेणी | केंद्र सरकारी योजना |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन |
आधिकारिक वेबसाइट | https://pgsindia-ncof.gov.in/PKVY |
परंपरागत कृषि विकास योजना 2024 के लाभ एवं विशेषताएं
- जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा Paramparagat Krishi Vikas Yojana शुरू की गई है।
- पीकेवीवाई के माध्यम से किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का लक्ष्य इस योजना के माध्यम से बड़े पैमाने पर रसायन मुक्त जैविक खेती को बढ़ावा देना है।
- परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक खेती के लिए किसानों को सरकार की ओर से 3 साल तक 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
- इस राशि में से 31,000 रुपये कीटनाशकों, बीजों और जैविक उर्वरकों सहित अन्य चीजों के लिए आवंटित किए जाएंगे।
- इस योजना के अंतर्गत मूल्य संवर्धन एवं वितरण हेतु भारत सरकार द्वारा 8,800 रुपये प्रदान किये जायेंगे।
- क्लस्टर विनिर्माण क्षमता बनाने के लिए 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- इस योजना के तहत सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता की राशि सीधे लाभार्थी किसान के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी।
- पीकेवीवाई योजना के लिए पिछले 4 वर्षों में सरकार द्वारा 1197 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
- इस कार्यक्रम के माध्यम से जैविक खेती के लिए मिट्टी की उर्वरता और गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा।
FaQ
Q. Paramparagat Krishi Vikas Yojana क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
Ans. परंपरागत कृषि विकास योजना भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई एक योजना है जो किसानों को जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इसका उद्देश्य किसानों को बेहतर खेती की तकनीकें सिखाना और जैविक खेती को बढ़ावा देना है।
Q. Paramparagat Krishi Vikas Yojana के तहत किसान कौन-कौन से लाभ प्राप्त कर सकते हैं?
Ans. परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत केवल भारतीय नागरिक किसान ही पात्र होते हैं। उनकी आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उन्हें कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए।
Q. Paramparagat Krishi Vikas Yojanaके लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं?
Ans. योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज में आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, बैंक पासबुक, और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं।
Q. Paramparagat Krishi Vikas Yojana के लाभ क्या हैं?
Ans. परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और उन्हें नई तकनीकों का अध्ययन करने का मौका मिलता है।
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