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Nimbu ki kheti | नींबू की खेती कैसे करते है | Lemon Farming in Hindi | नींबू से कमाई | नींबू की अच्छी वैरायटी

nimbu ki kheti अत्यधिक लाभदायक कृषि के रूप में की जाती है। पूर्ण विकसित होने पर इसके पौधे कई वर्षों तक फल देते हैं। यह एक सस्ती, अत्यधिक लाभदायक फसल है।

Nimbu ki kheti एक बार लगाने के बाद इसके पौधे 10 साल तक फसल दे सकते हैं। इसकी पैदावार भी हर साल बढ़ रही है. भारत दुनिया में नींबू का सबसे बड़ा उत्पादक है।

नींबू का उपयोग खाने में बहुत किया जाता है, खाने के अलावा इसका उपयोग अचार में भी किया जाता है। आजकल नींबू एक बहुत ही उपयोगी फल बन गया है, जिसका उपयोग कई कॉस्मेटिक कंपनियाँ और दवा कंपनियाँ करती हैं।

Nimbu ki kheti के पौधे काष्ठीय होते हैं तथा शाखाएँ बहुत अधिक नहीं होती हैं। इसकी शाखाओं में छोटे-छोटे कांटे होते हैं। नींबू के पौधों में लगने वाले फूल सफेद रंग के होते हैं, लेकिन पूरी तरह विकसित होने पर पंखुड़ियां रंगीन हो जाती हैं।

नींबू का स्वाद खट्टा होता है, जिसमें विटामिन ए, बी और सी उच्च मात्रा में पाया जाता है। नींबू की बाजार में पूरे साल भारी मांग रहती है और इस वजह से भाई किसान कम लागत में नींबू उगाकर अच्छी कमाई कर सकते हैं.

इस लेख में आपको नींबू की Nimbu ki kheti (Lemon Farming in Hindi) और नींबू की अच्छी किस्में क्या हैं और नींबू से होने वाली आय के बारे में बताया जा रहा है।

Table of Contents

नींबू की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी, जलवायु और तापमान (Lemon Cultivation Suitable soil, Climate and Temperature)

नींबू के पेड़ों को रेतीली मिट्टी की आवश्यकता होती है, इसके अलावा इन्हें लैटेराइट और अम्लीय क्षारीय मिट्टी में भी आसानी से उगाया जा सकता है। नींबू की फसल पूरे भारत में किसी भी जलवायु में उगाई जा सकती है।

कई नींबू गर्म, अर्ध-शुष्क जलवायु में उगाए जाते हैं। भारत में, Nimbu ki kheti हरियाणा, मध्य प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब और उत्तर प्रदेश राज्यों के कई क्षेत्रों में व्यापक रूप से उगाया जाता है।

नींबू को अधिक समय तक ठंडी जलवायु में नहीं उगाना चाहिए, क्योंकि सर्दियों की ठंढ इसके पौधों के लिए बहुत हानिकारक होती है।

नींबू की उन्नत किस्में (Lemon Improved Varieties)

कागजी नींबू

यह Nimbu ki kheti भारत में व्यापक रूप से उगाया जाता है। कागजी नींबू से 52% रस प्राप्त होता है। इन किस्मों को व्यावसायिक तौर पर नहीं उगाया जाता है.

प्रमालिनी

प्रमालिनी किस्म व्यावसायिक रूप से उगाई जाती है। ये नींबू गुच्छो में उत्पादित होते हैं, जो कागजी नींबू की तुलना में 30% अधिक उपज देते हैं। एक नींबू से 57% तक रस प्राप्त होती है।

विक्रम क़िस्म का नींबू

ये Nimbu ki kheti अधिक पैदावार के लिए उगाए जाते हैं। विक्रम किस्म के पौधों से प्राप्त फल गुच्छों में होते हैं, जिनसे एक गुच्छे से 7 से 10 नींबू प्राप्त होते हैं। इस प्रकार के पौधे पर नींबू साल भर पाया जा सकता है। पंजाब में इसे पंजाबी बारहमासी के नाम से भी जाना जाता है।

Nimbu ki kheti

इसके अलावा चक्रधर, पीकेएम-1, साई शरबती नींबू की ऐसी किस्में हैं, जो अधिक रस और उपज के लिए उगाई जाती हैं।

Nimbu ki kheti की तैयारी (Lemon Field Preparation)

पूरी तरह तैयार होने पर नींबू का पेड़ कई वर्षों तक फल देता है। इसलिए उनके क्षेत्र को अच्छी तरह से बनाए रखने की जरूरत है।

इसके लिए सबसे पहले खेत की गहराई तक पलटने वाले हल से जुताई करनी होगी. नतीजा यह हुआ कि बाकी खेत में लगी पुरानी फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं।

इसके बाद Nimbu ki kheti में पुरानी गोबर की खाद डालकर रोटावेटर से जुताई करके अच्छी तरह मिट्टी में मिला देना चाहिए. एक बार जब खाद मिट्टी में मिल जाए तो खेत में पाटा लगाकरमिट्टी को समतल कर लेना चाहिए।

इसके बाद Nimbu ki kheti में पौधे लगाने के लिए गड्डो तैयार की जाती हैं.

नींबू के पौधों की रोपाई का सही समय और तरीका (Lemon Plants Correct time and method of Transplanting)

नींबू के पौधों को नई पौध के रूप में लगाया जाता है। इसके लिए नींबू के पौधे नर्सरी से खरीद लेने चाहिए. खरीदे गए पौधे एक माह पुराने एवं पूर्णतः स्वस्थ होने चाहिए।

नए पौधे लगाने के लिए जून और अगस्त का महीना उपयुक्त माना जाता है। इसके पौधे बरसात के मौसम में पनपते हैं. रोपाई के बाद उनके पौधे तीन से चार साल में फल देने के लिए तैयार हो जाते हैं. जब नींबू के पौधे रोपे जाते हैं तो खेत में तैयार की गई गड्डो के बीच 10 फीट की दूरी रखी जाती है,

जिसमे गड्डो का आकार 70 से 80 CM चौड़ा और 60 CM गहरा होता है | एक हेक्टेयर के खेत में तक़रीबन 600 पौधों को लगाया जा सकता है |

नींबू की फसल की सिंचाई (Lemon Crop Irrigation)

नींबू के पौधों को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती. चूँकि बरसात के मौसम में नींबू के नये पौधे लगाये जाते हैं। इसलिए इस समय आपको ज्यादा पानी की जरूरत नहीं है. उसके पौधों को कभी-कभार ही पानी दें।

सर्दियों में इनके पौधों को 10 से 15 दिन तक पानी दिया जाता है. यदि इससे अधिक पानी भरा रहने दिया जाए तो खेत में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है, जो पौधों के लिए बहुत हानिकारक है।

नींबू के पौधों में लगने वाले रोग एवं उनकी रोकथाम (Lemon Plants Diseases and their Prevention)

रस चूसने वाले कीट

सुरंगी कीट, सिटरस सिल्ला और चेपा, ऐसे कीट रोग पौधे की शाखाओं और पत्तियों से रस चूसकर नष्ट कर देते हैं। ऐसी बीमारियों से बचाव के लिए पौधों पर मध्यम मात्रा में मोनोक्रोटोफॉस का छिड़काव किया जाता है। इसके अलावा प्रभावित पौधों की शाखाओं को काटकर हटा दें.

काले धब्बे

यह रोग फलों पर पाया जाता है. काला रोग लगने पर नींबू के शीर्ष पर काले धब्बे पड़ जाते हैं। शुरुआत में पानी से धोने से इस रोग को बढ़ने से रोका जा सकता है, अगर इस रोग का प्रभाव काफी बढ़ जाए तो नींबू पर भूरा रंग दिखाई देने लगता है। इस रोग से बचाव के लिए पौधों पर सफेद तेल और तांबे के पेस्ट का छिड़काव किया जाता है।

जिंक और आयरन की कमी

नींबू के पौधों में आयरन की कमी के कारण पौधों की पत्तियां पीली पड़ने लगती हैं। कुछ समय बाद पत्तियाँ सूखकर गिर जाती हैं और पौधा धीरे-धीरे सूखने लगता है।

नींबू के पौधों में इस रोग की रोकथाम के लिए पौधों को देशी खरपतवार खिलाना चाहिए. इसके अलावा पौधे को दो बड़े चम्मच जिंक 10 लीटर पानी में घोलकर पौधों को देना होता है |

नींबू की खेती से कमाई,पैदावार और की कटाई (Lemon Harvest Yields and Price)

Nimbu ki kheti फूल आने के तीन से चार महीने बाद फल देना शुरू कर देते हैं। इसके बाद पौधों पर लगे नींबू को काट दिया जाता है. नींबू को गुच्छों में उगाया जाता है, और इसलिए इसका फल अलग-अलग समय पर तुड़ाई के लिए तैयार होता है।

नींबू के छिलके को अच्छी तरह धो लें और एक लीटर पानी में 2.5 जीएम मात्रा में क्लोरीन मिलाकर घोल बना लें। इसके बाद इस पेस्ट से नींबू को धो लें. इसके बाद नींबू को छायादार जगह पर सुखा लिया जाता है. एक अच्छी तरह से विकसित नींबू का पौधा एक वर्ष में लगभग 40 किलोग्राम उपज देता है।

एक हेक्टेयर खेत में Nimbu ki kheti 600 पौधे उगाए जा सकते हैं। इसके मुताबिक भाई किसान एक साल की फसल से 3 लाख रुपये तक आसानी से कमा सकते हैं.

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नींबू की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?

नींबू की सबसे अच्छी वैरायटी कागजी बारहमासी है। किसान उद्यान विभाग की नर्सरी से संपर्क कर वहां से कागजी नींबू के पौधे प्राप्त कर सकते हैं।

1 एकड़ में नींबू के कितने पौधे लगते हैं?

Nimbu ki kheti में 1 एकड़ में करीब 300 पौधे लगाए जाते हैं.

नींबू का पेड़ कितने साल तक फल देता है?

नींबू का पेड़ लगाने से लगभग 3-4 साल में फल देता है। लेकिन एक बार यह फल देना शुरू करता है तो 30 वर्ष या उससे अधिक समय तक फल देता रहता है। 

नींबू का फल कितने दिन में तैयार हो जाता है?

Nimbu ki kheti 150 से 180 दिनों मे इसका फल तैयार हो जाता है ।

नींबू के पेड़ की कितनी वैरायटी होती है?

Nimbu ki kheti की कई किस्में होती हैं, जो प्राय: प्रकंद के काम में आती हैं, उदाहरणार्थ फ्लोरिडा रफ़, करना या खट्टा नींबू, जंबीरी आदि। कागजी नीबू, कागजी कलाँ, गलगल तथा लाइम सिलहट ही अधिकतर घरेलू उपयोग में आते हैं। इनमें कागजी नींबू सबसे अधिक लोकप्रिय है।

नींबू का पेड़ लगाने का सबसे अच्छा समय क्या है?

Nimbu ki kheti वसंत ऋतु

1 एकड़ में नींबू के कितने पौधे लगते हैं?

208 पौधे प्रति एकड़

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