किसान भाइयो आज हम जिस विषय पे बात करेंगे वो बहुत ही महत्वपूर्ण है आज हम बात करेंगे क्यों है जरूरी मिट्टी की जांच, जानिए मिट्टी का नमूना लेते समय रखें इन बातों का ध्यान खेती से बढ़िया पैदावार लेने के लिए मिट्टी की जांच बहुत जरूरी होती है, इसका मुख्य कारण खेत की जरूरत के अनुसार उसे पोषक तत्व उपलब्ध करवाना है, जिससे कि पैदावार तक बढ़ेगा ही साथ ही लागत में भी कमी आएगी।
इसलिए किसान मिट्टी का परीक्षण जरूर करवाएं और उसी के अनुसार उर्वरकों का संतुलित तरीके से प्रयोग करें।
किसान भाइयो मिट्टी का नमूना कहां भेजें ?
मिट्टी का नमूना लेने के बाद उसकी जांच के लिए आप स्थानीय कृषि पर्यवेक्षक या नजदीकी कृषि विभाग के दफ्तर में जमा करा सकते हैं ये हर राज्य मैं उपलब्ध है । आप भी अपने नजदीकी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में मिट्टि का नमूना ले जाकर दे सकते हैं जहां इसकी जांच मुफ्त की जाती है।
ध्यान दे क्यों जरूरी है मिट्टी की जांच
किसान भाइयो जरूरत से कम खाद डालने पर कम उपज मिलेगी और जरूरत अधिक खाद डालने पर खाद का गलत उपयोग होगा और आपका पैसा भी बेकार हो जायेगा साथ ही भूमि भी ख़राब होने की संभावना ज्यादा रहती है।
किसान भाइयो आज देश की बढ़ती हुई जनसंख्या और बिकती हुई जमीं फसल पैदावार की मांग को पूरा करना एक बहुत बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इसके लिए मिट्टी को स्वस्थ्य रखना बहुत अधिक जरूरी हो गया है। पौधे को विक्षित करने के लिए कुल 17 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। ज्यादा पैदावार व लाभ लेने के लिए उर्वरको (खाद) का संतुलित मात्रा में प्रयोग आवश्यक है। इन उर्वरकों का संतुलित मात्रा में प्रयोग करने के लिए मिट्टी का परीक्षण करवाते रहना बहुत आवश्यक है।
मोजूदा सरकार भी मिट्टी की जांच पर खास ध्यान दे रही है, साल 2015 मृदा वर्ष के रूप में मनाया गया था और प्रधानमंत्री सॉयल हेल्थ कार्ड योजना की भी शुरूआत की गई थी।
मिट्टी का नमूना कैसे लें
ऐसे खेत जहा हाल ही में उर्वरक (खाद) का प्रयोग किया हो वहा से नमूना ना लें।
अगर खेत मैं फसल कड़ी है तो नमूना ना लें।
ऐसे बोर मैं मिट्टी का नमूना कभी न रखें जिसमे पहले खाद ज्यादा हुआ हो या वो खाद के लिए प्रयोग हुआ हो ।
पेड़ के आसपास या पेड़ की जड़ के पास से नमूना ना लें।
किसान भाइयो मेढ़, पानी की नाली व कम्पोस्ट के ढेर के आसपास से नमूना ना लें।
अगर आपका खेत में ऊची नीची जगह है तो वह से नमूना ना लें।
नमूना लेते समय कोनसी सावधानियां बरतनी चाहिए
मिटी को जमा करने से पहले एक पर्ची पर अपना का नाम, पिता का नाम, गांव, तहसील व जिले का नाम खेत का खसरा नम्बर भूमि सिंचित है या असिंचित आदि लिख कर थैली में डाल दें।
अब इस नमूने (लगभग आधा किलो मिट्टी) को साफ़ थैली में डाल लें।
किसान भाइयो अब मिट्टी को फैला ले और 4 भागो में बाट लें इन चार भागों में से आमने सामने के 2 भाग उठा कर फेंक दें, बाकी बचे हुए दो भाग को फिर से मिला कर 4 भाग कर लें व फिर से 2 भाग फेंक दें। बची हुई मिट्टी को मिला लें। ऐसा तब तक करे जब तक हमारे पास 500 ग्राम मिट्टी शेष बचे।
अब इस मिट्टी को बाल्टी या टब में इकट्ठा कर ले इसी तरह सभी स्थानों से नमूना इकट्ठा कर ले व अच्छी तरह से इसको मिला लें।
जमीनी सतह से 15 सेमी यानि आधा फुट गहरा गड्ढा खोद कर खुरपे से एक तरफ से ऊंगली जितनी मोटाई तक का ऊपर से नीचे तक का नमूना काट ले।
किसान भाइयो चुनी हुई जगह के ऊपरी सतह से घास फूंस हटा दे।
आपको जिस खेत का नमूना लेना हो उसके अलग अलग 8 से 10 स्थानों पर पहले ही निशान लगाएं।
ध्यान दे मिट्टी का नमूना हमेशा फसल की बुवाई या रोपाई के एक माह पहले लेना चाहिए।
भाइयो मिट्टी कि जांच मुख्यता दो समस्याओं के समाधान के लिए कि जाती है
आम्लीय व क्षारीय मिट्टी के सुधार के लिए
फसल व फल के पेड़ो के पोषक तत्वों की सिफारिशों के लिए
मिट्टी कि जांच से पता चलेगा है कि भूमि में कौन सा पोषक तत्त्व उचित, अधिक या कम मात्रा में मौजूद है। यदि आप बिना मिट्टी ki जांच कराए उसमे पोषक तत्व डालते हैं तो संम्भव है कि खेत में जरूरत से अधिक या कम खाद डाल दी जाए और आपको उचित परिणाम नहीं मिलेगा |