Dhan me jhulsa or blast rog ke lakshan or upay | धान में झुलसा या बलास्ट रोग: प्रकोप, प्रभाव, और निवारण

धान, जो भारतीय खाद्य प्रणाली की मुख्य फसलों में से एक है, विश्वभर में खासी महत्वपूर्ण है। धान की खेती में कई प्रकार के कीटों और रोगों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से झुलसा या बलास्ट रोग (jhulsa or blast rog) एक अहम मामला है।

इस लेख में, हम धान में झुलसे के प्रकोप, इसके प्रभाव, झुलसा रोग की दवा, झुलसा रोग किस तत्व की कमी से होता है और इसके निवारण पर विचार करेंगे।

झुलसे का प्रकोप (blight or blast disease in paddy)

झुलसा या बलास्ट रोग, जिसे ‘Pyricularia oryzae फंगस द्वारा उत्पन्न किया जाता है, धान की पत्तियों और डांटों पर प्रभावित होता है। यह रोग तापमान के आदान-प्रदान, अधिक आर्द्रता, और जलवायु बदलाव के परिणामस्वरूप उत्तराधिकारी फसल में फैल सकता है।

झुलसे (jhulsa or blast rog) के प्रभाव

Dhan me jhulsa or blast rog ke lakshan or upay

झुलसे (jhulsa or blast rog) के प्रकोप से प्रभावित होने पर धान के पत्तों पर सफेद या पीले रंग के दाग दिखाई देते हैं, जिन्हें “ब्लास्ट” कहा जाता है। ये दाग बड़े होते जाते हैं और फिर धान के पानी में बहकर फैल जाते हैं, जिससे फसल के प्रतिष्ठान में कमी होती है। इससे पौधों की संख्या में कमी होती है और फसल की उत्पादन कम हो जाती है।

पत्तियों पर लगभग 1 सें.मी. चौड़े नाव आकार के भूरे धब्बे दिखाई देते हैं। इनके बीच का भाग राख के रंग का होता है और परिधि पर गहरे भूरे रंग की पतली पट्टी पाई जाती है। बालियों के नीचे डण्ठल पर भूरा काला धब्बा दिखाई पड़ता है। काले भाग में धान के बाल टूट जाते है।

झुलसे (jhulsa or blast rog) के निवारण

  1. बीजों की उन्नति: उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करके झुलसे से प्रतिरक्षा बढ़ाई जा सकती है।
  2. समय पर बोएं: बीज बोने का समय खासकर तापमान और आर्द्रता के आधार पर चयन करें।
  3. पूर्वावलोकन और सही जलवायु प्रबंधन: फसल के पूर्वावलोकन से झुलसे के प्रकोप की संभावना को पहचान सकते हैं और सही जलवायु प्रबंधन के साथ इसका प्रभाव कम कर सकते हैं।
  4. उन्नत खेती तकनीकी: सही खाद, जल और पोषण प्रबंधन से फसल की प्रतिरक्षा मजबूत होती है।

धान के स्वास्थ्य की सुरक्षा

धान के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सतत पूर्वावलोकन और उन्नत खेती तकनीकी का पालन करना महत्वपूर्ण है। अच्छे बीज, उच्च गुणवत्ता वाली खाद, और सही पोषण प्रबंधन से धान की प्रतिरक्षा मजबूती से बढ़ती है।

खेती बड़की और फसल संरक्षण

खेती बड़की और फसल संरक्षण उपायों का अनुसरण करके झुलसे (jhulsa or blast rog) जैसे रोगों से बचाव किया जा सकता है। सुरक्षा के लिए जैविक उपायों का भी सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।

(अ) कार्बेगन्डाजिम अथवा ट्राइसायक्लाजोल (बिज दो ग्राम) दवा प्रति किलोग्र. बिज की दर बीजोपचार करें।

(ब) बैविस्टीन (250 ग्राम) + इंडोफिल एम. (1.25 किग्रा.) या बीम (0.05%); बैविस्टीन 500 ग्राम पानी में घोलकर 10-11 दिनों के अंतर पर छिड़काव करें।

(स) रोग निरोधक किस्मों की खेती करें।

फसल बीमा की महत्वपूर्णता

झुलसे जैसे अनियमितताओं से बचाव के लिए फसल बीमा एक महत्वपूर्ण साधन हो सकता है। यह किसानों को अकाली बारिश, प्राकृतिक आपदाएं और फसल संकटों से बचाव का एक सुरक्षित तरीका प्रदान करता है।

झुलसा या बलास्ट रोग (jhulsa or blast rog) धान की खेती में एक महत्वपूर्ण चुनौती है जिससे निपटने के लिए खेतीबड़की और तकनीकी सहायता की आवश्यकता होती है। सही पूर्वावलोकन, सही खेती तकनीकी, और फसल बीमा के संयमित उपयोग से किसान इस रोग से प्रतिरक्षा मजबूत कर सकते हैं।

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Dhan me jhulsa or blast rog FAQs?

झुलसा रोग क्या है?

झुलसा या बलास्ट रोग (jhulsa or blast rog) धान की पत्तियों और डांटों पर प्रभावित होने वाला एक फंगल रोग है।

इसके प्रभाव क्या होते हैं?

झुलसे के प्रकोप से धान की पत्तियों पर सफेद या पीले दाग दिखाई देते हैं, जो फसल की प्रतिष्ठान में कमी करते हैं।

झुलसे से बचाव के लिए क्या उपाय हैं?

झुलसे से बचाव के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन, सही खेती तकनीकी, और समय पर पूर्वावलोकन करना महत्वपूर्ण है|

फसल बीमा क्यों महत्वपूर्ण है?

फसल बीमा किसानों को अनियमितताओं और आपदाओं से बचाव का एक सुरक्षित तरीका प्रदान करता है।

कैसे धान के स्वास्थ्य की सुरक्षा की जा सकती है?

धान के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का चयन और सही पोषण प्रबंधन महत्वपूर्ण है।

झुलसा रोग कैसे होता है?

झुलसा या बलास्ट रोग, जिसे ‘Pyricularia oryzae’ फंगस द्वारा उत्पन्न किया जाता है, धान की पत्तियों और डांटों पर प्रभावित होता है। यह रोग तापमान के आदान-प्रदान, अधिक आर्द्रता, और जलवायु बदलाव के परिणामस्वरूप उत्तराधिकारी फसल में फैल सकता है।

झुलसा रोग किसकी कमी से होता है?

धान में झुलसा या बलास्ट रोग का प्रमुख कारण ‘पाइरीकुलेरिया ओरिज़े’ नामक कवक है, जो धान के बीजों में पाया जाता है और धान के पौधों को संक्रमित करता है। यह कवक बीजाणु, आपातकालीन मौसम, और आगामी मौसम के साथ धान के पौधों में फैल सकता है और नए संक्रमण का कारण बन सकता है।

ब्लास्ट रोग किसके कारण होता है?

Pyricularia oryzae फंगस द्वारा उत्पन्न किया जाता है

धान का ब्लास्ट रोग कौन से कवक के कारण होता है?

मैग्नापोर्थ ओरिजा

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